थायरायड का इलाज Thyroid Treatment
![]() |
थायरायड का इलाज ,Thyroid Treatment |
थायराइड की समस्या
आजकल एक गंभीर समस्या बनी हुई है।थायरायड ग्रंथि गर्दन के सामने की ओर,श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों तरफ दो भागों में बनी होती है | एक स्वस्थ्य मनुष्य में थायरायड ग्रंथि का भार 25 से 50 ग्राम तक होता है | यह ‘ थाइराक्सिन ‘ नामक हार्मोन का उत्पादन करती है | थायराइड दो तरह का होता है।
हाइपरथायराइडिज्म और हाइपोथायराइड। पुरूषों में आजकल थायराइड की दिक्कत बढ़ती जा
रही है। थायराइड में वजन अचानक से बढ़ जाता है या कभी अचानक से कम हो जाता है। इस
रोग में काफी दिक्कत होती है।
थायराइड के लक्षण(Thyroid
Symptoms )
ह्रदय स्पंदन एवं
श्वास की गति मंद हो जाती है |
थायराइड की समस्या
के उत्पन्न होने पर सबसे पहले व्यक्ति अपने आप को थका हुआ और आलस से भरा हुआ महसूस
करने लगता है. वो सुस्त ह जाता है. इसका मुख्य कारण होता है शरीर
में ऊर्जा का ना बनना और शरीर में ऊर्जा ना बनने का कारण थायराइड ग्रंथि के
हार्मोन ना बनने से होता है
हड्डियों की वृद्धि
रुक जाती है और वे झुकने लगती हैं |
मेटाबालिज्म की क्रिया मंद हो जाती हैं |
भूख न लगना और पसीना
अधिक आना आदि।
थायराइड का सबसे
स्पष्ट लक्षण होता है जुखाम. ये कुछ सामान्य जुखाम नही होता बल्कि थोडा
अलग होता है. जिससे व्यक्ति बहुत परेशान होता है और ये
जल्दी से ठीक भी नही होता
त्वचा रुखी हो जाती
है तथा त्वचा के नीचे अधिक मात्रा में वसा एकत्र हो जाने के कारण आँख की पलकों में
सुजन आ जाती है |
थायराइड का एक अन्य
स्पष्ट लक्षण है बालों का झाड़ना. इस रोग में इन्हें गंजेपन तक का खतरा रहता
है. इसके अलावा उनके भौहों के बाल तक झड़ने
लगते है. ये स्थिति गंभीर अवस्था तक पहुँच जाती है
थाइराइड के कारण :-
बेवजह की दवाओं का सेवन करना और उनका प्रतिकूल
प्रभाव पड़ने से थाइराइड हो सकता है।
अगर आप अपने भोजन
में नमक का कम सेवन करते हो तो उससे आपके शरीर में आयोडीन की कमी हो जाती है जिससे
भी आपको थायराइड ग्रंथि में दिक्कत होनी शुरू हो जाती है.
परिवार में किसी को
पहले से ही थायराइड की समस्या हो तो यह भी एक मुख्य कारण बन सकता है।
थायराइड की वजह से
हड्डियां सिकुडने लगती हैं और मांसपेशियां भी कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में खून की
नियमित जांच करवानी चाहिए। अपने खाने में जितना हो सके हरी सब्जियों का
सेवन करें।
स्त्रियों में
थायराइड का सबसे बड़ा कारण होता है ग्रेव्स रोग. अगर किसी स्त्री को ये रोग है तो उस
स्त्री को थायराइड ग्रंथि की समस्या होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है
टोंसिल्स, सिर और थाइमस ग्रंथि की
परेशानी में एक्स रे कराना भी थाइराइड का कारण बन सकता है।
गर्भावस्था, स्त्री के जीवन में ये ऐसा
समय होता है जब उसके शरीर में अनेक परिवर्तन होते है. गर्भावस्था में स्त्रियों का तनाव में
होना भी स्वाभाविक हो जाता है और यही उनमे थायराइड की समस्या को उत्पन्न करता है
अन्य लक्षण जैसे
नींद अधिक आना, आंखों में सूजन होना, जोड़ों में दर्द बने रहना, आवाज का भारी होना और लगातार कब्ज बने रहना आदि।
थायराइड की समस्या को ठीक करने के आयुवेर्दिक उपाय :-
अदरक के फायदे
:- अदरक में पोटेशियम, मैग्नीश्यिम आदि गुण पाये
जाते हैं जो थायराइड की समस्या से राहत दिलाते हैं. अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण पाये जाते हैं जो थायराइड को होने से रोकते हैं अदरक में एंटी-इंफलेमेटरी गुण थायराइड को बढ़ने से रोकता
है और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार लाता है।
फलों और सब्जियों के फायदे :- थायराइड की परेशानी में जितना हो सके फलों और सब्जियों का इस्तेमाल करना
चाहिए। फल और सब्जियों में एंटीआक्सिडेंटस होता है। जो थायराइड को कभी बढ़ने नहीं
देता है। सब्जियों में टमाटर, हरि मिर्च आदि का सेवन करें।थायराइड की समस्या होने पर फलों और सब्जियों का
अत्यधिक सेवन करना चाहिए. फलों और सब्जियों में एंटीआक्सिडेंटस पाया
जाता है. जिसके कारण थायराइड की समस्या नहीं होती |
प्राणायाम और योगा :-
योग के जरिए भी थाइराइड की समस्या से
निजात पाया जा सकता है। आपको भुजंगासन, ध्यान लगाना, नाड़ीशोधन, मत्स्यासन, सर्वांगासन और बृहमद्रा आदि
करना चाहिए।थायराइड की समस्या को दूर करने के लिए सूर्यनमस्कार, सर्वांगासन, हलासन और मत्स्यासन करना बहुत
आवश्यक है. प्रतिदिन उठकर प्राणायाम और योगा से अपने दिन की शुरुआत करें
दही और दूध का सेवन :-
थायराइड की समस्या वाले लोगों को दही और
दूध का इस्तेमाल अधिक से अधिक करना चाहिए। दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स
थायराइड से ग्रसित पुरूषों को स्वस्थ बनाए रखने का काम करते हैं।जिन व्यक्तियों को
थायराइड की समस्या होती है उन्हें दही और दूध का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए. दूध और दही में मौजूद कैल्शियम, मिनरल्स और विटामिन्स थायराइड से ग्रसित रोगियों को स्वस्थ बनाने में मदद करता
है
मुलेठी का सेवन
:- जिन व्यक्तियों को
थायराइड की समस्या होती है उन्हें बहुत जल्दी थकान लगने लगती है और वे जल्दी ही थक
जाते हैं। एैसे में मुलेठी का सेवन करना बेहद फायदेमंद होता है. मुलेठी में मौजूद तत्व थायराइड ग्रंथी को
संतुलित बनाते हैं और थकान को उर्जा में बदल देते हैं और थायराइड की समस्या से निजात मिलती है | मुलेठी थायराइड में कैंसर
को बढ़ने से भी रोकता है।
एक्युप्रेशर :- थायराइड को एक्यूप्रेशर के जरिए भी ठीक
किया जा सकता है। एक्युप्रेशर में पैराथायराइड और थयरायड के जो बिंदू होते हैं वे
पैरों और हाथों के अंगूठे के नीचे और थोड़े उठे हुए भाग में मौजूद रहते हैं । आपको
इन बिंदुओं को बाएं से दाएं ओर प्रेशर यानि दबाना चाहिए। हर बिंदु को कम से
कम तीन मिनट तक दबाएं। इस उपाय को हर रोज कम से कम दो बारी जरूर करें।एक्युप्रेशर
थेरेपी के प्रतिबिम्ब बिंदु हाथों एवं पैरों दोनों के अंगूठे के बिलकुल नीचे ऊंचे
उठे हुए भाग में स्थित होता हैं जिनके प्रयोग से थायरायड को कम किया जा सकता है. थायराइड अल्पस्राव की अवस्था में इन
केन्द्रों बाएं से दायें प्रेशर देना चाहिए तथा अतिस्राव की स्थिति में प्रेशर
दायें से बाएं देना चाहिए। इसके अलावा पिट्यूटरी ग्लैंड के भी प्रतिबिम्ब बिंदु पर भी प्रेशर
दें.
इससे थायराइड की
समस्या को कुछ हद तक कम किया जा सकता है. इस विधि का प्रयोग एक से तीन मिनट तक प्रतिदिन दो बार करना चाहिए
No comments :
Post a Comment